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vedik sbhyata
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प्रसिद्ध दशराज्ञ (दस राजाओं का युद्ध) का उल्लेख है
व्याख्या-
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निम्नलिखित में से किस वैदिक सूक्त में चार वर्षों के उद्गम का संदर्भ मिलता है?
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निम्नलिखित प्राचीन जनजातियों पर विचार कीजिए
उपर्युक्त में से कौन-सी जनजाति/जनजातियां वैदिक काल में अस्तित्व में थी/थीं?
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किस देवी/देवता को गायत्री मंत्र समर्पित है?
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उत्तर वैदिक काल में, निम्नलिखित में से कौन-सा अधिकारी करों का संग्राहक होता था?
व्याख्या-
- यजुर्वेद की संहिताओं तथा ब्राह्मण ग्रन्थों में कुछ पदाधिकारियों का नाम मिलता है
- पदाधिकारियों को रत्निन कहा जाता था। ये राजपरिषद के सदस्य थे।
- रत्नियों की सूची में राजा के सम्बन्धी, मंत्री, विभागाध्यक्ष एवं दरबारीगण आते थे।
- प्रथम श्रेणी में राजा की पटरानी और प्रिय रानी थी। पुरोहितों का नाम भी रत्नियों की सूची में शामिल था।
विभागाध्यक्षों में सेनानी (सेनापति),
- सूत (रथ सेना का नायक),
- ग्रामीण (गांव का मुखिया),
- संग्रहीता (कोषाध्यक्ष)
- भागदुध (अर्थ मंत्री अर्थात करों का संग्राहक)
- दरबारी श्रेणी में क्षता (दैवारिक), अक्षवाप (आय-व्यय गणनाध्यक्ष अथवा द्यूतक्रीड़ा में राजा का साथी)
- पालागल (विदूषक) सम्मिलित थे।
- वाजपेय यज्ञ के समय राजा स्वयं रत्नियों के द्वारा जाता था तथा उन्हें रत्नबलि प्रदान करता था।
व्याख्या-
- यजुर्वेद की संहिताओं तथा ब्राह्मण ग्रन्थों में कुछ पदाधिकारियों का नाम मिलता है
- पदाधिकारियों को रत्निन कहा जाता था। ये राजपरिषद के सदस्य थे।
- रत्नियों की सूची में राजा के सम्बन्धी, मंत्री, विभागाध्यक्ष एवं दरबारीगण आते थे।
- प्रथम श्रेणी में राजा की पटरानी और प्रिय रानी थी। पुरोहितों का नाम भी रत्नियों की सूची में शामिल था।
विभागाध्यक्षों में सेनानी (सेनापति),
- सूत (रथ सेना का नायक),
- ग्रामीण (गांव का मुखिया),
- संग्रहीता (कोषाध्यक्ष)
- भागदुध (अर्थ मंत्री अर्थात करों का संग्राहक)
- दरबारी श्रेणी में क्षता (दैवारिक), अक्षवाप (आय-व्यय गणनाध्यक्ष अथवा द्यूतक्रीड़ा में राजा का साथी)
- पालागल (विदूषक) सम्मिलित थे।
- वाजपेय यज्ञ के समय राजा स्वयं रत्नियों के द्वारा जाता था तथा उन्हें रत्नबलि प्रदान करता था।
व्याख्या-
- यजुर्वेद की संहिताओं तथा ब्राह्मण ग्रन्थों में कुछ पदाधिकारियों का नाम मिलता है
- पदाधिकारियों को रत्निन कहा जाता था। ये राजपरिषद के सदस्य थे।
- रत्नियों की सूची में राजा के सम्बन्धी, मंत्री, विभागाध्यक्ष एवं दरबारीगण आते थे।
- प्रथम श्रेणी में राजा की पटरानी और प्रिय रानी थी। पुरोहितों का नाम भी रत्नियों की सूची में शामिल था।
विभागाध्यक्षों में सेनानी (सेनापति),
- सूत (रथ सेना का नायक),
- ग्रामीण (गांव का मुखिया),
- संग्रहीता (कोषाध्यक्ष)
- भागदुध (अर्थ मंत्री अर्थात करों का संग्राहक)
- दरबारी श्रेणी में क्षता (दैवारिक), अक्षवाप (आय-व्यय गणनाध्यक्ष अथवा द्यूतक्रीड़ा में राजा का साथी)
- पालागल (विदूषक) सम्मिलित थे।
- वाजपेय यज्ञ के समय राजा स्वयं रत्नियों के द्वारा जाता था तथा उन्हें रत्नबलि प्रदान करता था।
कठ उपनिषद निम्न में से किस एक से सम्बन्धित है
निम्न कथनों पर विचार कीजिये:
उपर्यक्त कथनों में कौन सा से सही है?
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निम्नलिखित में से किस एक में सर्वप्रथम ‘गोत्र’ शब्द का प्रयोग कुल के अर्थ में किया गया है
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प्राचीन भारतीय इतिहास के सन्दर्भ में पारिप्लव-आख्यान क्या है?
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संहिता क्या है?
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ऋग्वेद कालीन आर्यों से सम्बन्धित कौनसा कथन असत्य है?
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पूर्व वैदिक समाज किस रूप में संगठित था?
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ऋग्वेद है
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ऋग्वैदिक काल में पत्नी थी
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ऋग्वैदिक सभ्यता का वह तत्व जिसकी उपनिषदों के ऋषियों ने आलोचना की थी
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वैदिक युग में राजा के पश्चात् महत्वपूर्ण अधिकारी था
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वैदिक युगीन इतिहास का प्रधान स्रोत है
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उत्तर वैदिक युग में जाति प्रथा का आधार था
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आर्य मूल निवासी थे
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सर्वप्रथम साहित्य का वर्ग
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प्रारंभिक वैदिक कालीन आर्यों का मुख्य व्यवसाय –
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वैदिक युग में राजा के पश्चात् महत्वपूर्ण अधिकारी था
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वैदिक युगीन इतिहास का प्रधान स्रोत है
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ऋग्वेद का एक संपूर्ण मंडल निम्नलिखित देवताओं में से किस एक को ही समर्पित सूक्तों का संग्रह है?
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एशिया माइनर से प्राप्त एक बोगजकोई अभिलेख में किन कार्य देवताओं का आह्वान किया गया है?
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पूर्व वैदिक काल से उत्तर वैदिक काल के राजस्व गठन (Polity) में मुख्य परिवर्तन हुआ
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राजा सुदास जिसके विषय में ऋग्वेद में वर्णन है कि उसने दस राजाओं को पराजित किया, किस जन (Tribe) से सम्बद्ध था?
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निम्नलिखित ग्रंथों में से किस में सर्वप्रथम परीक्षित का उल्लेख हुआ है?
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उत्तर वैदिक साहित्य में उल्लिखित राजाओं और राज्यों के निम्नलिखित युग्मों में से कौन सा सही सुमेलित नहीं
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निम्नलिखित पुरोहितों में से किसका कार्य यज्ञ के सम्पादन का निरीक्षण करना था?
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भारतीय जाति व्यवस्था अपने श्रेष्य (क्लासिकल) स्वरूप में मानी जाती है
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सामवेद ग्रंथ है
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सुदास के विरूद्ध दस राजाओं का युद्ध किसके नेतृत्व में लड़ा गया?
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ऋग्वैदिक युग में निम्नलिखित में से कौन सा मनोरंजन का एक साधन नहीं था?
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उत्तर वैदिक काल में स्त्रियों की स्थिति के सम्बन्ध में कौन सा कथन सही नहीं है?.
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गायत्री मंत्र का सम्बन्ध है
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ऋग्वैदिक युग में वर्ण व्यवस्था, जो बाद में जाति व्यवस्था में परिवर्तित हो गयी, वर्ण के जाति में परिवर्तित होने का प्रमुख कारण था
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ऋग्वैदिक समाज में राजसत्ता के विकास के पीछे मूल कारण क्या था?
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निम्नलिखित नदियों में से किसका ऋग्वेद में केवल एक – बार उल्लेख हुआ है?
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मूलतः गायत्री मंत्र मिलता है
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ऋग्वैदिक समाज में गोप शब्द का प्रयोग होता था
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ऋग्वेद में कितनी ऋचाएं वर्णित थीं
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समाज के चार वर्णों का सर्वप्रथम वर्णन किसमें मिलता है
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सूची । को सूची ॥ से सुमेलित कीजिए तथा सूचियों के नीचे दिये गये कूट का उपयोग कर सही उत्तर का चयन
कीजिए
सूची। (पुरोहित) सूची ॥ (वैदिक संहितायें)
(A). अध्वर्यु : 1: ऋग्वेद
(B.) ब्रह्म 2. यजुर्वेद
©. होता 3. सामवेद
(D). उद्गाता 4. अथर्ववेद
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ब्राह्मण का विषय क्या था?.
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श्रुति में क्या सम्मिलित नहीं था?
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‘सत्यमेव जयते’ का वर्णन किसमें मिलता है?
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उत्तर वैदिक काल से संबंधित नहीं था
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