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थॉर्नवेट के अनुसार जलवायु का वर्गीकरण

थार्नवेट ने जलवायु वर्गीकरण के लिए वाष्पोत्सर्जन, वनस्पति, वाष्पीकरण मात्रा, वर्षा व तापमान को आधार लिया। राजस्थान में थार्नवेट का जलवायु वर्गीकरण अधिक मान्य है।
राजस्थान को मोटे तौर पर निम्नलिखित चार क्षेत्रों में विभाजित किया जा सकता है:-

CA’w या उपआर्द्र जलवायु प्रदेश

  • इस प्रकार की जलवायु दक्षिणी-पूर्वी उदयपुर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, कोटा, बारां, झालावाड़ आदि जिलों में पाई जाती है।
  • यहाँ ग्रीष्म ऋतु में वर्षा होती है तथा शीत ऋतु प्रायः सूखी रहती है।
  • यहां सवाना तथा मानसूनी वनस्पति पायी जाती है।

DA’ w या उष्ण आर्द्र जलवायु प्रदेश

  • इस प्रकार की जलवायु राजस्थान के अधिकांश भाग में पाई जाती है।
  • यहाँ ग्रीष्मकाल में तापमान उच्च रहता है तथा वर्षा कम होती है।
  • यहाँ अर्द्ध मरुस्थलीय वनस्पति पायी जाती है।
  • बाड़मेर व जोधपुर का अधिकांश भाग, बीकानेर, चूरू एवं झुंझुनू का दक्षिणी भाग, सिरोही, जालौर, पाली, अजमेर, उत्तरी चित्तौड़, बूंदी, सवाई माधोपुर, टोंक, भीलवाड़ा, भरतपुर, जयपुर, अलवर आदि जिले इस जलवायु प्रदेश के अन्तर्गत आते हैं।

DB’w या अर्द्ध शुष्क जलवायु प्रदेश

  • इस जलवायु प्रदेश के भागों में शीत ऋतु छोटी और शुष्क किन्तु ग्रीष्म ऋतु लम्बी और वर्षा वाली होती है।
  • यहाँ कंटीली झाड़ियाँ और अर्द्ध-मरुस्थलीय वनस्पति पायी जाती है।
  • राजस्थान के उत्तरी भाग गंगानगर, हनुमानगढ़, चूरु, बीकानेर जिले तथा झुंझुनू का उत्तरी भाग आदि इस प्रदेश में आते हैं।

EA’d या उष्ण शुष्क कटिबन्धीय मरुस्थलीय जलवाय

  • यह अत्यन्त गर्म और शुष्क जलवायु प्रदेश है।
  • राजस्थान के मरुस्थल जैसे बाड़मेर, जैसलमेर, पश्चिमी जोधपुर, दक्षिणी-पश्चिमी बीकानेर आदि इस प्रदेश के अन्तर्गत आते हैं।
  • यहां प्रत्येक मौसम में वर्षा की कमी अनुभव की जाती है।
  • यहाँ केवल मरुस्थलीय वनस्पति ही उगती है।

कोपेन ने राजस्थान की जलवायु को 4 भागों में बांटा है:-

AW या ऊष्ण कटिबन्धीय आर्द्र जलवायु प्रदेश

  • इस प्रकार की जलवायु राजस्थान के दक्षिणी तथा दक्षिणी-पूर्वी भाग में पाई जाती है।
  • इस जलवायु प्रदेश के अंतर्गत डूंगरपुर जिले का दक्षिणी भाग एवं बांसवाड़ा,चित्तौड़गढ़ व झालावाड़ आते हैं।
  • यहाँ का तापक्रम शीत ऋतु में भी 18° से. से ऊपर रहता है।
  • इस प्रदेश में ग्रीष्म ऋतु में भीषण गर्मी होती है।
  • यहाँ की वनस्पति सवाना तुल्य एवं मानसूनी पतझड़ वाली हैं।
  • औसत वर्षा – 80 सेमी. से अधिक

Bshw या अर्द्धशुष्क जलवायु प्रदेश

  • इस प्रकार की जलवायु जालौर, बाड़मेर, सिरोही, पाली, नागौर, जोधपुर, चूरू, सीकर, झुंझुनूं आदि में पाई जाती है।
  • इस प्रदेश में शीत ऋतु शुष्क होती है तथा वर्षा भी कम (20-40 cm) होती है।
  • यहाँ स्टैपी प्रकार की वनस्पति पायी जाती है। कांटेदार झाड़ियाँ एवं घास यहाँ की मुख्य विशेषता है।

BWhw या उष्ण कटिबंधीय शुष्क मरुस्थलीय जलवायु प्रदेश

  • इस प्रकार की जलवायु राजस्थान के पश्चिमी भाग में पाई जाती है। यहाँ वर्षा बहुत कम होने के कारण वाष्पीकरण अधिक होता है।
  • इस प्रदेश में मरुस्थलीय जलवायु पायी जाती है।
  • इस प्रदेश के अन्तर्गत-जैसलमेर, पश्चिमी बीकानेर, उत्तर पश्चिमी जोधपुर, हनुमानगढ़ तथा गंगानगर आदि आते हैं।

Cwg या उपोष्ण कटिबंधीय आद्र जलवायु प्रदेश

  • अरावली के दक्षिण-पूर्वी भाग इस जलवायु प्रदेश में आते हैं।
  • यहाँ वर्षा केवल वर्षा ऋतु में होती है।
कोपेन जलवायु वर्गीकरण

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