मार्च 1858 में निम्नलिखित में से किसने 1857 के विद्रोह का संदर्भ लेते हुए झाँसी की घेराबन्दी की?
Correct
व्याख्या-
झांसी में विद्रोह का नेतृत्व गंगाधर राव की विधवा लक्ष्मीबाई ने किया ।
लक्ष्मीबाई अपने दत्तक पुत्र दामोदार राव को गद्दी न दिये जाने से नाराज थीं
23 मार्च, 1858 ई.को सर ह्यूरोज ने झांसी को घेर लिया।
रानी वहां से निकलकर पहले काल्पी और फिर ग्वालियर पहुंची।
लक्ष्मीबाई ग्वालियर में ह्यूरोज से युद्ध करती हुई 17 जून, 1858 ई. को वीरगति को प्राप्त हुई।
ह्यूरोज का कथन – कि भारतीय क्रान्तिकारियों में लक्ष्मीबाई अकेली मर्द है।
झांसी के विद्रोह को ह्यूरोज ने दबाया।
Incorrect
व्याख्या-
झांसी में विद्रोह का नेतृत्व गंगाधर राव की विधवा लक्ष्मीबाई ने किया ।
लक्ष्मीबाई अपने दत्तक पुत्र दामोदार राव को गद्दी न दिये जाने से नाराज थीं
23 मार्च, 1858 ई.को सर ह्यूरोज ने झांसी को घेर लिया।
रानी वहां से निकलकर पहले काल्पी और फिर ग्वालियर पहुंची।
लक्ष्मीबाई ग्वालियर में ह्यूरोज से युद्ध करती हुई 17 जून, 1858 ई. को वीरगति को प्राप्त हुई।
ह्यूरोज का कथन – कि भारतीय क्रान्तिकारियों में लक्ष्मीबाई अकेली मर्द है।
झांसी के विद्रोह को ह्यूरोज ने दबाया।
Unattempted
व्याख्या-
झांसी में विद्रोह का नेतृत्व गंगाधर राव की विधवा लक्ष्मीबाई ने किया ।
लक्ष्मीबाई अपने दत्तक पुत्र दामोदार राव को गद्दी न दिये जाने से नाराज थीं
23 मार्च, 1858 ई.को सर ह्यूरोज ने झांसी को घेर लिया।
रानी वहां से निकलकर पहले काल्पी और फिर ग्वालियर पहुंची।
लक्ष्मीबाई ग्वालियर में ह्यूरोज से युद्ध करती हुई 17 जून, 1858 ई. को वीरगति को प्राप्त हुई।
ह्यूरोज का कथन – कि भारतीय क्रान्तिकारियों में लक्ष्मीबाई अकेली मर्द है।
झांसी के विद्रोह को ह्यूरोज ने दबाया।
Question 2 of 10
2. Question
1 points
1857 के विद्रोह के उपरान्त इलाहाबाद में एक दरबार में किसने भारत की सरकार को ग्रेट ब्रिटेन की सर्वोच्च सत्ता द्वारा अधिगृहीत किए जाने की घोषणा की
Correct
व्याख्या-
1857 ई. के विद्रोह के समय भारत का वायसराय लार्ड कैनिंग था
1857 ई. का विद्रोह असफल रहा।
1857 ई. के विद्रोह के बाद मुगल साम्राज्य सदा-सदा के लिए समाप्त हो गया
महारानी विक्टोरियां ने कम्पनी का शासन अपने हाथ में ले लिया।
लार्ड कैनिंग ने 1 नवम्बर, 1858 ई. को इलाहाबाद के मिण्टो-पार्क में अपना दरबार लगाया और महारानी विक्टोरिया का घोषणा-पत्र पढ़ा।
Incorrect
व्याख्या-
1857 ई. के विद्रोह के समय भारत का वायसराय लार्ड कैनिंग था
1857 ई. का विद्रोह असफल रहा।
1857 ई. के विद्रोह के बाद मुगल साम्राज्य सदा-सदा के लिए समाप्त हो गया
महारानी विक्टोरियां ने कम्पनी का शासन अपने हाथ में ले लिया।
लार्ड कैनिंग ने 1 नवम्बर, 1858 ई. को इलाहाबाद के मिण्टो-पार्क में अपना दरबार लगाया और महारानी विक्टोरिया का घोषणा-पत्र पढ़ा।
Unattempted
व्याख्या-
1857 ई. के विद्रोह के समय भारत का वायसराय लार्ड कैनिंग था
1857 ई. का विद्रोह असफल रहा।
1857 ई. के विद्रोह के बाद मुगल साम्राज्य सदा-सदा के लिए समाप्त हो गया
महारानी विक्टोरियां ने कम्पनी का शासन अपने हाथ में ले लिया।
लार्ड कैनिंग ने 1 नवम्बर, 1858 ई. को इलाहाबाद के मिण्टो-पार्क में अपना दरबार लगाया और महारानी विक्टोरिया का घोषणा-पत्र पढ़ा।
Question 3 of 10
3. Question
1 points
सूची । (1857 का विद्रोह-ब्रिटिश सेनापति) को सूची ॥ (युद्ध स्थल) के साथ सुमेलित कीजिए और सूचियों के नीचे दिये गये कूटों का प्रयोग करते हुए सही उत्तर चुनिए
सूची। सूची ॥
A जॉन निकलसन 1. लखनऊ
B कॉलिन कैम्पबेल .2. झांसी
C हैवलॉक 3. दिल्ली
D ह्यूरोज 4. कानपुर
Correct
व्याख्या-
******1857 के विद्रोह का प्रारम्भ मेरठ से हुआ।
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
बैरकपुर (29 मार्च 1857)
मंगल पाण्डेय
–
मेरठ (10 मई 1857)
–
–
दिल्ली (11/12 मई 1857)
बहादुर जफ़र(रंगून को निर्वासित) , नवाब हमीद अलीखान ,बख्त खां ,जीनत महल
निकल्सन , हडसन ,
20 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर पुन: अधिकार कर लिया।
फतेहपुर
अजीमुल्ला
जनरल रेनर्ड
झांसी (4/5 जून 1857)
रानी लक्ष्मीबाई(17 जून, 1858०) को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।)
ह्यूरोज ,
रानी लक्ष्मीबाई 17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।
इलाहाबाद (6 जून 1857)
लियाकत अली
कर्नल नील
ग्वालियर (4/5 जून 1857)
तात्या टोपे(गिरफ्तार हुआ, फांसी पर लटका)
ह्यूरोज
बिहार /जगदीशपुर (12 जून 1857)
कुंवर सिंह –एक मात्र ऐसे विद्रेही थे जिन्होंने अंग्रेजों को पराजित किया तथा जिनकी मृत्यु स्वाभाविक हुई।
विलियम टेलर, विंसेट आयर
बरेली /रूहेलखण्ड(31 मई 1857)
खान बहादुर खां
कैंपबेल
लखनऊ(4 जून 1857)
बेगम हजरत महल
कैंपबेल
कानपुर (5 जून 1857)
नाना साहब(नेपाल पालायित ) –पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक था
कैंपबेल 16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति
कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुन अधिकार हो गया।
अवध
मौलवी अहमदुल्लाह
–
फैजाबाद (30 जून 1857)
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
कैंपबेल
असम
मनीराम दीवान
–
Incorrect
व्याख्या-
******1857 के विद्रोह का प्रारम्भ मेरठ से हुआ।
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
बैरकपुर (29 मार्च 1857)
मंगल पाण्डेय
–
मेरठ (10 मई 1857)
–
–
दिल्ली (11/12 मई 1857)
बहादुर जफ़र(रंगून को निर्वासित) , नवाब हमीद अलीखान ,बख्त खां ,जीनत महल
निकल्सन , हडसन ,
20 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर पुन: अधिकार कर लिया।
फतेहपुर
अजीमुल्ला
जनरल रेनर्ड
झांसी (4/5 जून 1857)
रानी लक्ष्मीबाई(17 जून, 1858०) को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।)
ह्यूरोज ,
रानी लक्ष्मीबाई 17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।
इलाहाबाद (6 जून 1857)
लियाकत अली
कर्नल नील
ग्वालियर (4/5 जून 1857)
तात्या टोपे(गिरफ्तार हुआ, फांसी पर लटका)
ह्यूरोज
बिहार /जगदीशपुर (12 जून 1857)
कुंवर सिंह –एक मात्र ऐसे विद्रेही थे जिन्होंने अंग्रेजों को पराजित किया तथा जिनकी मृत्यु स्वाभाविक हुई।
विलियम टेलर, विंसेट आयर
बरेली /रूहेलखण्ड(31 मई 1857)
खान बहादुर खां
कैंपबेल
लखनऊ(4 जून 1857)
बेगम हजरत महल
कैंपबेल
कानपुर (5 जून 1857)
नाना साहब(नेपाल पालायित ) –पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक था
कैंपबेल 16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति
कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुन अधिकार हो गया।
अवध
मौलवी अहमदुल्लाह
–
फैजाबाद (30 जून 1857)
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
कैंपबेल
असम
मनीराम दीवान
–
Unattempted
व्याख्या-
******1857 के विद्रोह का प्रारम्भ मेरठ से हुआ।
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
बैरकपुर (29 मार्च 1857)
मंगल पाण्डेय
–
मेरठ (10 मई 1857)
–
–
दिल्ली (11/12 मई 1857)
बहादुर जफ़र(रंगून को निर्वासित) , नवाब हमीद अलीखान ,बख्त खां ,जीनत महल
निकल्सन , हडसन ,
20 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर पुन: अधिकार कर लिया।
फतेहपुर
अजीमुल्ला
जनरल रेनर्ड
झांसी (4/5 जून 1857)
रानी लक्ष्मीबाई(17 जून, 1858०) को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।)
ह्यूरोज ,
रानी लक्ष्मीबाई 17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।
इलाहाबाद (6 जून 1857)
लियाकत अली
कर्नल नील
ग्वालियर (4/5 जून 1857)
तात्या टोपे(गिरफ्तार हुआ, फांसी पर लटका)
ह्यूरोज
बिहार /जगदीशपुर (12 जून 1857)
कुंवर सिंह –एक मात्र ऐसे विद्रेही थे जिन्होंने अंग्रेजों को पराजित किया तथा जिनकी मृत्यु स्वाभाविक हुई।
विलियम टेलर, विंसेट आयर
बरेली /रूहेलखण्ड(31 मई 1857)
खान बहादुर खां
कैंपबेल
लखनऊ(4 जून 1857)
बेगम हजरत महल
कैंपबेल
कानपुर (5 जून 1857)
नाना साहब(नेपाल पालायित ) –पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक था
कैंपबेल 16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति
कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुन अधिकार हो गया।
अवध
मौलवी अहमदुल्लाह
–
फैजाबाद (30 जून 1857)
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
कैंपबेल
असम
मनीराम दीवान
–
Question 4 of 10
4. Question
1 points
निम्न में से 1857 के विद्रोह से संबंधित नहीं था
Correct
व्याख्या-
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
दिल्ली
बहादुर जफ़र
निकल्सन , हडसन ,
20 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर पुन: अधिकार कर लिया।
फतेहपुर
अजीमुल्ला
जनरल रेनर्ड
झांसी
रानी लक्ष्मीबाई
ह्यूरोज ,
रानी लक्ष्मीबाई 17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।
इलाहाबाद
लियाकत अली
कर्नल नील
ग्वालियर
तात्या टोपे
ह्यूरोज
बिहार
कुंवर सिंह
विलियम टेलर, विंसेट आयर
बरेली /रूहेलखण्ड
खान बहादुर खां
कैंपबेल
लखनऊ
बेगम हजरत महल
कैंपबेल
कानपुर
नाना साहब
कैंपबेल
16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति
कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुनः अधिकार हो गया।
फैजाबाद
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
कैंपबेल
******* अशफाक उल्ला खाँ को काकोरी षड्यंत्र (1925 ई.) में फांसी दी गयी थी।
Incorrect
व्याख्या-
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
दिल्ली
बहादुर जफ़र
निकल्सन , हडसन ,
20 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर पुन: अधिकार कर लिया।
फतेहपुर
अजीमुल्ला
जनरल रेनर्ड
झांसी
रानी लक्ष्मीबाई
ह्यूरोज ,
रानी लक्ष्मीबाई 17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।
इलाहाबाद
लियाकत अली
कर्नल नील
ग्वालियर
तात्या टोपे
ह्यूरोज
बिहार
कुंवर सिंह
विलियम टेलर, विंसेट आयर
बरेली /रूहेलखण्ड
खान बहादुर खां
कैंपबेल
लखनऊ
बेगम हजरत महल
कैंपबेल
कानपुर
नाना साहब
कैंपबेल
16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति
कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुनः अधिकार हो गया।
फैजाबाद
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
कैंपबेल
******* अशफाक उल्ला खाँ को काकोरी षड्यंत्र (1925 ई.) में फांसी दी गयी थी।
Unattempted
व्याख्या-
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
दिल्ली
बहादुर जफ़र
निकल्सन , हडसन ,
20 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर पुन: अधिकार कर लिया।
फतेहपुर
अजीमुल्ला
जनरल रेनर्ड
झांसी
रानी लक्ष्मीबाई
ह्यूरोज ,
रानी लक्ष्मीबाई 17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।
इलाहाबाद
लियाकत अली
कर्नल नील
ग्वालियर
तात्या टोपे
ह्यूरोज
बिहार
कुंवर सिंह
विलियम टेलर, विंसेट आयर
बरेली /रूहेलखण्ड
खान बहादुर खां
कैंपबेल
लखनऊ
बेगम हजरत महल
कैंपबेल
कानपुर
नाना साहब
कैंपबेल
16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति
कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुनः अधिकार हो गया।
फैजाबाद
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
कैंपबेल
******* अशफाक उल्ला खाँ को काकोरी षड्यंत्र (1925 ई.) में फांसी दी गयी थी।
Question 5 of 10
5. Question
1 points
निम्नलिखित में से किसने बरेली में 1857 के विद्रोह का नेतृत्व किया |
Correct
व्याख्या-
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
दिल्ली
बहादुर जफ़र
निकल्सन , हडसन ,
20 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर पुन: अधिकार कर लिया।
फतेहपुर
अजीमुल्ला
जनरल रेनर्ड
झांसी
रानी लक्ष्मीबाई
ह्यूरोज ,
रानी लक्ष्मीबाई 17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।
इलाहाबाद
लियाकत अली
कर्नल नील
ग्वालियर
तात्या टोपे
ह्यूरोज
बिहार /जगदीशपुर
कुंवर सिंह
विलियम टेलर, विंसेट आयर
बरेली /रूहेलखण्ड
खान बहादुर खां
कैंपबेल
लखनऊ
बेगम हजरत महल
कैंपबेल
कानपुर
नाना साहब
कैंपबेल ,
16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति
कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुनः अधिकार हो गया।
फैजाबाद
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
कैंपबेल
Incorrect
व्याख्या-
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
दिल्ली
बहादुर जफ़र
निकल्सन , हडसन ,
20 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर पुन: अधिकार कर लिया।
फतेहपुर
अजीमुल्ला
जनरल रेनर्ड
झांसी
रानी लक्ष्मीबाई
ह्यूरोज ,
रानी लक्ष्मीबाई 17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।
इलाहाबाद
लियाकत अली
कर्नल नील
ग्वालियर
तात्या टोपे
ह्यूरोज
बिहार /जगदीशपुर
कुंवर सिंह
विलियम टेलर, विंसेट आयर
बरेली /रूहेलखण्ड
खान बहादुर खां
कैंपबेल
लखनऊ
बेगम हजरत महल
कैंपबेल
कानपुर
नाना साहब
कैंपबेल ,
16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति
कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुनः अधिकार हो गया।
फैजाबाद
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
कैंपबेल
Unattempted
व्याख्या-
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
दिल्ली
बहादुर जफ़र
निकल्सन , हडसन ,
20 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर पुन: अधिकार कर लिया।
फतेहपुर
अजीमुल्ला
जनरल रेनर्ड
झांसी
रानी लक्ष्मीबाई
ह्यूरोज ,
रानी लक्ष्मीबाई 17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।
इलाहाबाद
लियाकत अली
कर्नल नील
ग्वालियर
तात्या टोपे
ह्यूरोज
बिहार /जगदीशपुर
कुंवर सिंह
विलियम टेलर, विंसेट आयर
बरेली /रूहेलखण्ड
खान बहादुर खां
कैंपबेल
लखनऊ
बेगम हजरत महल
कैंपबेल
कानपुर
नाना साहब
कैंपबेल ,
16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति
कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुनः अधिकार हो गया।
फैजाबाद
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
कैंपबेल
Question 6 of 10
6. Question
1 points
निम्नलिखित में से कौन नाना साहब पेशवा का मंत्री तथा प्रमुख सलाहकार था?
Correct
व्याख्या-
1857 के विद्रोह में कानपुर में विद्रोह का नेतृत्व अन्तिम पेशवा बाजीराव द्वितीय-का दत्तक पुत्र नाना साहब ने किया।
नाना साहब का मंत्री तथा प्रमुख सलाहकार अजीमउल्लाह खान था।
नाना ने अपने पेंशन के सम्बन्ध में पैरवी करने के लिए अजीमउल्ला खाँ को इंग्लैण्ड भेजा था।
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
कानपुर
नाना साहब
कैंपबेल
16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति
कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुनः अधिकार हो गया।
Incorrect
व्याख्या-
1857 के विद्रोह में कानपुर में विद्रोह का नेतृत्व अन्तिम पेशवा बाजीराव द्वितीय-का दत्तक पुत्र नाना साहब ने किया।
नाना साहब का मंत्री तथा प्रमुख सलाहकार अजीमउल्लाह खान था।
नाना ने अपने पेंशन के सम्बन्ध में पैरवी करने के लिए अजीमउल्ला खाँ को इंग्लैण्ड भेजा था।
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
कानपुर
नाना साहब
कैंपबेल
16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति
कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुनः अधिकार हो गया।
Unattempted
व्याख्या-
1857 के विद्रोह में कानपुर में विद्रोह का नेतृत्व अन्तिम पेशवा बाजीराव द्वितीय-का दत्तक पुत्र नाना साहब ने किया।
नाना साहब का मंत्री तथा प्रमुख सलाहकार अजीमउल्लाह खान था।
नाना ने अपने पेंशन के सम्बन्ध में पैरवी करने के लिए अजीमउल्ला खाँ को इंग्लैण्ड भेजा था।
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
कानपुर
नाना साहब
कैंपबेल
16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति
कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुनः अधिकार हो गया।
Question 7 of 10
7. Question
1 points
सूची । को सूची ॥ से सुमेलित कीजिए और सूचियों के नीचे दिए गये कूट का प्रयोग करते हुए सही उत्तर चुनिए
सूची। सूची ॥
A रानी लक्ष्मी बाई 1. ग्वालियर
B मौलवी अहमदुल्लाह 2. कानपुर
C नाना साहेब 3. फैजाबाद
D कुँवर सिंह 4. जगदीशपुर
Correct
व्याख्या–
******1857 के विद्रोह का प्रारम्भ मेरठ से हुआ।
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
दिल्ली
बहादुर जफ़र
निकल्सन , हडसन ,
20 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर पुन: अधिकार कर लिया।
फतेहपुर
अजीमुल्ला
जनरल रेनर्ड
झांसी
रानी लक्ष्मीबाई
ह्यूरोज ,
रानी लक्ष्मीबाई 17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।
इलाहाबाद
लियाकत अली
कर्नल नील
ग्वालियर
तात्या टोपे
ह्यूरोज
बिहार /जगदीशपुर
कुंवर सिंह –एक मात्र ऐसे विद्रेही थे जिन्होंने अंग्रेजों को पराजित किया तथा जिनकी मृत्यु स्वाभाविक हुई।
विलियम टेलर, विंसेट आयर
बरेली /रूहेलखण्ड
खान बहादुर खां
कैंपबेल
लखनऊ
बेगम हजरत महल
कैंपबेल
कानपुर
नाना साहब –पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक था
कैंपबेल
16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति
कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुनः अधिकार हो गया।
फैजाबाद
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
कैंपबेल
Incorrect
व्याख्या–
******1857 के विद्रोह का प्रारम्भ मेरठ से हुआ।
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
दिल्ली
बहादुर जफ़र
निकल्सन , हडसन ,
20 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर पुन: अधिकार कर लिया।
फतेहपुर
अजीमुल्ला
जनरल रेनर्ड
झांसी
रानी लक्ष्मीबाई
ह्यूरोज ,
रानी लक्ष्मीबाई 17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।
इलाहाबाद
लियाकत अली
कर्नल नील
ग्वालियर
तात्या टोपे
ह्यूरोज
बिहार /जगदीशपुर
कुंवर सिंह –एक मात्र ऐसे विद्रेही थे जिन्होंने अंग्रेजों को पराजित किया तथा जिनकी मृत्यु स्वाभाविक हुई।
विलियम टेलर, विंसेट आयर
बरेली /रूहेलखण्ड
खान बहादुर खां
कैंपबेल
लखनऊ
बेगम हजरत महल
कैंपबेल
कानपुर
नाना साहब –पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक था
कैंपबेल
16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति
कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुनः अधिकार हो गया।
फैजाबाद
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
कैंपबेल
Unattempted
व्याख्या–
******1857 के विद्रोह का प्रारम्भ मेरठ से हुआ।
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
दिल्ली
बहादुर जफ़र
निकल्सन , हडसन ,
20 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर पुन: अधिकार कर लिया।
फतेहपुर
अजीमुल्ला
जनरल रेनर्ड
झांसी
रानी लक्ष्मीबाई
ह्यूरोज ,
रानी लक्ष्मीबाई 17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।
इलाहाबाद
लियाकत अली
कर्नल नील
ग्वालियर
तात्या टोपे
ह्यूरोज
बिहार /जगदीशपुर
कुंवर सिंह –एक मात्र ऐसे विद्रेही थे जिन्होंने अंग्रेजों को पराजित किया तथा जिनकी मृत्यु स्वाभाविक हुई।
विलियम टेलर, विंसेट आयर
बरेली /रूहेलखण्ड
खान बहादुर खां
कैंपबेल
लखनऊ
बेगम हजरत महल
कैंपबेल
कानपुर
नाना साहब –पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक था
कैंपबेल
16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति
कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुनः अधिकार हो गया।
फैजाबाद
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
कैंपबेल
Question 8 of 10
8. Question
1 points
इंडियन वार ऑफ इण्डीपेन्डेन्स, 1857 के लेखक है
Correct
व्याख्या.
लन्दन के ‘इंडिया हाउस’ में वीर सावरकर ने 1857 के विद्रोह के पचास वर्ष पूरे होने पर इसकी स्वर्ण जयन्ती मनायी।
वीर सावरकर ने 1907 में पुस्तक ‘इंडियन वार ऑफ इंडिपेन्डेस, 1857 लिखी।
इस पुस्तक में 1857 के विद्रोह को सावरकर ने भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की संज्ञा दी।
Incorrect
व्याख्या.
लन्दन के ‘इंडिया हाउस’ में वीर सावरकर ने 1857 के विद्रोह के पचास वर्ष पूरे होने पर इसकी स्वर्ण जयन्ती मनायी।
वीर सावरकर ने 1907 में पुस्तक ‘इंडियन वार ऑफ इंडिपेन्डेस, 1857 लिखी।
इस पुस्तक में 1857 के विद्रोह को सावरकर ने भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की संज्ञा दी।
Unattempted
व्याख्या.
लन्दन के ‘इंडिया हाउस’ में वीर सावरकर ने 1857 के विद्रोह के पचास वर्ष पूरे होने पर इसकी स्वर्ण जयन्ती मनायी।
वीर सावरकर ने 1907 में पुस्तक ‘इंडियन वार ऑफ इंडिपेन्डेस, 1857 लिखी।
इस पुस्तक में 1857 के विद्रोह को सावरकर ने भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की संज्ञा दी।
Question 9 of 10
9. Question
1 points
1857 के विद्रोह से संबंधित निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
विद्रोहियों का कोई स्वयं राजनैतिक परिप्रेक्ष्य नहीं था।
जीनत महल ने अंग्रेजों से अपनी सुरक्षा के लिए संधि वार्ता की।
विद्रोहियों को मौलवी अहमद उल्ला द्वारा नेतृत्व प्रदान किया गया।
केन्द्रीय नेतृत्व द्वारा विश्वासघात के कारण विद्रोही असफल हो गये।
इनमें से कौन से कथन सही है.
Correct
व्याख्या–
1857 ई. का विद्रोह मेरठ से शुरू होकर शीघ्र हा पूर भारत में फैल गया।
विद्रोहियों ने बहादुर शाह को अपना नेता मानते हुए विद्रोह का विगुल बजा दिया।
केन्द्रीय नेतृत्व कमजोर होने के बावजूद विश्वासघाती नहीं था
बहादुर शाह का रानी जीनत महल ने अंग्रेजों से अपनी सुरक्षा के लिए संधि वार्ता की।
फैजाबाद में मौलवी अहमद उल्ला ने विद्रोह का नेतृत्व किया।
Incorrect
व्याख्या–
1857 ई. का विद्रोह मेरठ से शुरू होकर शीघ्र हा पूर भारत में फैल गया।
विद्रोहियों ने बहादुर शाह को अपना नेता मानते हुए विद्रोह का विगुल बजा दिया।
केन्द्रीय नेतृत्व कमजोर होने के बावजूद विश्वासघाती नहीं था
बहादुर शाह का रानी जीनत महल ने अंग्रेजों से अपनी सुरक्षा के लिए संधि वार्ता की।
फैजाबाद में मौलवी अहमद उल्ला ने विद्रोह का नेतृत्व किया।
Unattempted
व्याख्या–
1857 ई. का विद्रोह मेरठ से शुरू होकर शीघ्र हा पूर भारत में फैल गया।
विद्रोहियों ने बहादुर शाह को अपना नेता मानते हुए विद्रोह का विगुल बजा दिया।
केन्द्रीय नेतृत्व कमजोर होने के बावजूद विश्वासघाती नहीं था
बहादुर शाह का रानी जीनत महल ने अंग्रेजों से अपनी सुरक्षा के लिए संधि वार्ता की।
फैजाबाद में मौलवी अहमद उल्ला ने विद्रोह का नेतृत्व किया।
Question 10 of 10
10. Question
1 points
1857 के विप्लव के संदर्भ में सिपाही विद्रोह के कारण थे
ब्रिटिश भारतीय सेना में यूरोपीय तथा भारतीय दलों की संख्या में असमानता
जनरल सर्विस एनालिस्टमेंट एक्ट के अंतर्गत बंगाल आर्मी के सभी रंगरुटों को भारत के भीतर अथवा बाहर सेवा के लिए तत्पर रहने का आदेश
एनफील्ड राइफल का समाविष्ट करना
उपरोक्त में से कौन से सहीं हैं
Correct
व्याख्या-
1857 ई के सिपाही विद्रोह के अनेक कारण थे।
तात्कालिक कारणइसकी शुरूआत पुरानी ब्राउन बैस बन्दूक के स्थान पर नई इनफील्ड राइफल को समाविष्ट करने से हुई।
इनफील्ड राइफलों में चर्बी वाले कारतूसों का प्रयोग किया गया।
जनरल सर्विस एनालिस्टमेंट एक्ट के अन्तर्गत बंगाल आर्मी के सभी रंगरूटों का भारत के भीतर अथवा बाहर सेवा के लिए तत्पर रहना पड़ता था।
जबकि प्राचीन मान्यता थी कि समुद्र पार यात्रा करने से धर्म भ्रष्ट हो जाता था।
इसी कारण भारतीय सैनिकों के एक बटालियन ने वर्मा जाने से इनकार कर दिया था।
Incorrect
व्याख्या-
1857 ई के सिपाही विद्रोह के अनेक कारण थे।
तात्कालिक कारणइसकी शुरूआत पुरानी ब्राउन बैस बन्दूक के स्थान पर नई इनफील्ड राइफल को समाविष्ट करने से हुई।
इनफील्ड राइफलों में चर्बी वाले कारतूसों का प्रयोग किया गया।
जनरल सर्विस एनालिस्टमेंट एक्ट के अन्तर्गत बंगाल आर्मी के सभी रंगरूटों का भारत के भीतर अथवा बाहर सेवा के लिए तत्पर रहना पड़ता था।
जबकि प्राचीन मान्यता थी कि समुद्र पार यात्रा करने से धर्म भ्रष्ट हो जाता था।
इसी कारण भारतीय सैनिकों के एक बटालियन ने वर्मा जाने से इनकार कर दिया था।
Unattempted
व्याख्या-
1857 ई के सिपाही विद्रोह के अनेक कारण थे।
तात्कालिक कारणइसकी शुरूआत पुरानी ब्राउन बैस बन्दूक के स्थान पर नई इनफील्ड राइफल को समाविष्ट करने से हुई।
इनफील्ड राइफलों में चर्बी वाले कारतूसों का प्रयोग किया गया।
जनरल सर्विस एनालिस्टमेंट एक्ट के अन्तर्गत बंगाल आर्मी के सभी रंगरूटों का भारत के भीतर अथवा बाहर सेवा के लिए तत्पर रहना पड़ता था।
जबकि प्राचीन मान्यता थी कि समुद्र पार यात्रा करने से धर्म भ्रष्ट हो जाता था।
इसी कारण भारतीय सैनिकों के एक बटालियन ने वर्मा जाने से इनकार कर दिया था।